मै शिक्षक
September 14, 2023
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एक सफ़र शुरू हुआ है , चलो साथ मिल कर चलते हैं । आज उनका हाथ पकड़ते हैं , जो किताबों से डरते हैं । तुम साथ खड़े रहना बस , हाथ काँधे पर हम रख देंगे , उसकी आँखो की ना उम्मीदी को हम अच्छे से पढ़ लेंगे । कितना अच्छा होगा वो लम्हा भी , जब वो ख़ुशी से झूम उठेगा । सब को सुनाएगा शौर मचा कर , जब डर उसका दूर होगा । वह अब वो सब कर सकेगा जिसपर उसका हक़ था , इन सवालों का डर बस इतनी ही देर तक था । आज वह भी मुस्कुराते हुए ख़ुद से आँखें मिलाएगा , पीछे मुड़ेगा तो मुस्कुराता हुआ हमें पाएगा ।
