1. सवाल: ख़ुशी कहाँ से आती है?
जवाब: ख़ुशी बाहर के हालात से नहीं, दिल के इतमिनान और सुकून से आती है।
2. सवाल: तणाव से निज़ात कैसे मिले?
जवाब: सांस की रियाज़त (प्राणायाम) और ज़िक्र (ध्यान) से तणाव खत्म होता है।
3. सवाल: मोहब्बत क्या है?
जवाब: मोहब्बत वही है जिसमें लेना नहीं, सिर्फ़ देना हो।
4. सवाल: इल्म (ज्ञान) और इबादत (पूजा) में क्या फ़र्क़ है?
जवाब: इल्म हमें रास्ता दिखाता है, इबादत हमें मंज़िल तक पहुँचाती है।
5. सवाल: ग़ुस्सा कैसे काबू करें?
जवाब: ग़ुस्सा उस वक़्त उठता है जब इंसान हक़ीक़त भूल जाता है।
6. सवाल: असल दुआ क्या है?
जवाब: जो दिल से निकले और इंसानियत के लिए हो वही असल दुआ है।
7. सवाल: मोहब्बत और चाहत में क्या फर्क़?
जवाब: चाहत में तलब है, मोहब्बत में कुर्बानी है।
8. सवाल: इन्सान को डर क्यों लगता है?
जवाब: गुमान (भ्रम) और जहालत (अज्ञानता) से डर पैदा होता है।
9. सवाल: सकून (शांति) कहाँ मिलता है?
जवाब: सकून न दिल के बाहर है न माल-दौलत में, यह तो दिल की गहराई में है।
10. सवाल: सच्चा अकीदा (विश्वास) क्या है?
जवाब: जो हर हाल में अल्लाह/ईश्वर की रहमत देख सके वही अकीदा है।
11. सवाल: इबादत का असर कैसा होता है?
जवाब: इबादत से दिल पाक (शुद्ध) होता है और दिमाग रोशन।
12. सवाल: इन्सानियत की पहचान क्या है?
जवाब: जब दूसरे का दर्द अपना लगे वही इन्सानियत है।
13. सवाल: मोहब्बत कब मुकम्मल होती है?
जवाब: जब उसमें तास्सुब (भेदभाव) न हो।
14. सवाल: क्यों तकलीफ़ आती है?
जवाब: तकलीफ़ हमें सबक़ (सीख) देने आती है।
15. सवाल: इल्म (ज्ञान) क्यों ज़रूरी है?
जवाब: इल्म से इंसान जहालत से निकलता है।
16. सवाल: तौबा (पश्चाताप) कैसे करनी चाहिए?
जवाब: दिल से की गई तौबा हर गुनाह को धो देती है।
17. सवाल: दुआ कब क़ुबूल होती है?
जवाब: जब उसमें ख़ुलूस (सच्चाई) हो।
18. सवाल: ग़म कैसे मिटेगा?
जवाब: ग़म तब मिटता है जब इंसान शुक्र (कृतज्ञता) सीख लेता है।
19. सवाल: मोहब्बत में सब्र क्यों चाहिए?
जवाब: बिना सब्र के मोहब्बत अधूरी रह जाती है।
20. सवाल: इन्सान को अहंकार क्यों आता है?
जवाब: जब वह भूल जाता है कि सब कुछ अल्लाह/ईश्वर की नेमत है।
