*प्रश्न :* गुरुदेव, आपने कहा है कि लोगों को स्पष्टीकरण मत दो ! परन्तु यदि हमारे दिल पर कुछ बोझ हो तथा बातचीत की आवश्यकता महसूस हो, तो हम क्या करें ?
*श्री श्री :* यहाँ कोई एक नियम नहीं है । कभी कभी तुमको लगता है कि बात करके तुम्हारा मन हल्का हो जायेगा, तुम शांत हो जाओगे । परन्तु कई बार बात करना किसी भी प्रकार सहायक नहीं होता । जागो और देखो, पूरी दुनिया एक सपने जैसी है ! सारे विचार, लोगों का व्यवहार, बहुत जल्दी गायब हो जायेगा । कुछ लोग अच्छा व्यवहार करते हैं, कुछ बुरा, पर एक दिन सबको मर जाना है और दुनिया समाप्त हो जाएगी । वर्तमान में, जो लोगों का जीवित समूह है, एक दिन समाप्त हो जाएगा । नये लोग आएंगे और वे भी एक दिन मर जाएंगे । तब दूसरे लोगों का समूह आएगा, वे आपस में लड़ेंगे, एक दूसरे का आलिंगन करेंगे, प्रेम करेंगे, चुंबन करेंगे, सब कुछ करेंगे और वे सब मर जाएंगे ।
आज दुनिया में सात अरब लोग हैं और ये सभी सात अरब लोग एक दिन मर जाएंगे । कुछ वर्षों की ही बात है !आने वाले १०० वर्षों में तुम्हें क्या लगता है कि यही समान लोग यहाँ पर होंगे ? एक भी व्यक्ति जो इस समय यहाँ पर है वह जीवित नहीं रहेगा और २०० वर्षों बाद यहाँ तक कि उनके पोते भी जीवित नहीं रहेंगे ! देखो दुनिया एक नदी की भांति है, इसमें हर क्षण नया पानी बहता रहता है । ऐसा क्या है जिसके लिए इतना चिंतित हो ?
यदि तुम अपने पीछे कुछ छोड़कर जाना चाहते हो तो वह ज्ञान है ! जो किसी के लिए लाभ दायक होगा । यह नहीं कि उसने क्या कहा, इसने क्या कहा ! और तुम इसके लिए, उसके लिए क्या सोचते हो ! यह सब बकवास है ! इन सब को खिड़की में से बाहर फेंक दो ! इन सबका कोई अर्थ नहीं है ! घंटों तुमने व्यर्थ कर दिये हैं, यह स्पष्टीकरण देने में कि तुमने क्या सोचा, या महसूस किया या दूसरे ने तुम्हारे बारे में ऐसा क्यों सोचा !
तुम्हें पता है जब समय बदलता है मन भी बदल जाता है ! इसके पीछे सुन्दर विज्ञान है । तुम ज्योतिष चार्ट से संकेत पा सकते हो कि किस प्रकार तुम्हारा मन समय से जुड़ा होता है । मैं यहाँ पर ज्योतिष का नाम नहीं लूंगा, क्योंकि इसका कई बार दुरुपयोग किया जाता है, इसकी गलत व्याख्या की गई है । यह वर्तमान में सबसे अधिक बेतरतीब विज्ञान है । कोई शक नहीं है कि ज्योतिष एक विज्ञान है परन्तु उसको इतना विकृत कर दिया गया है कि तुम देख भी नहीं सकते कि यह वास्तव में क्या था ।
यहाँ १२ राशियां और ९ ग्रह हैं ! वैदिक ज्योतिष के अनुसार कहा जाता है कि जब बृहस्पति आपके जन्म के समय से आठवें स्थान पर गुजरता है तो आपके दिमाग पर इसका प्रभाव पड़ता है । इसी प्रकार जब शनि आठवें स्थान पर गुजरता है तो आपकी भावनाएँ ऊपर नीचे होती हैं । जब बृहस्पति आठवें स्थान पर होता है तब तुम अपना सारा ज्ञान खो देते हो । परन्तु यह केवल ११ महिनों के लिए होता है और इन ११ महीनों में केवल ३ महिनों में यह आपको दुखी करता है । जब तक आप गहन आध्यात्मिक ज्ञान में न हों या प्रबुद्ध न हों, यह अवश्य ही आपके दिमाग को प्रभावित करेगा । परंतु यदि आपको पता है कि ये ३ महीने अपने मन और भावनाओं के लिए कठिन होंगे, तब आप उस समय पर कोई निर्णय नहीं लेंगे या कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं करेंगे ।
इसी प्रकार, प्रत्येक ढाई दिन बाद आपका स्वभाव और दिमाग बदलता रहता है । यदि तुम दुखी हो तो यह ढाई दिन से अधिक नहीं बढेगा । थोड़ी देर के लिए राहत मिलेगी और यह फिर से आ जाएगा । इस प्रकार ब्रह्मांड का हमारे दिमाग पर प्रभाव पड़ता है । तुम्हें इन सब प्रभावों से केवल सत्संग,ध्यान और जाप बचा सकता है । यह सब आपके कवच हैं । यदि आपकी ओर कोई तीर आता है और आपने कवच पहन रखा है तो वह तीर वास्तव में आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता । तो भजन गाना और 'ओम् नमः शिवाय' मंत्र का कई बार जाप आपके आसपास कवच बना देगा और आपकी रक्षा करेगा । इन गलत बातों का आपके ऊपर कोई असर नहीं होगा । हम बेंगलुरु आश्रम में पूरी दुनिया और अपने साधकों की भलाई के लिए निरंतर यज्ञ करते रहते हैं । प्रत्येक महिने में ६ बार छोटे यज्ञ किये जाते हैं और नवरात्रि के समय हम समाज में शांति, खुशहाली और दुनिया की सुरक्षा तथा अपने साधको की सुरक्षा के लिए बड़े यज्ञ करते हैं ।
